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Send to friendRice Florets चावल का पुष्पक
1.चावल का पुष्पक्रम एक पुष्पगुच्छ होता है जिसमें एकल पुष्प की बाली होती है जो शाखाओं पर लगी होती है। पुष्प प्रमेयिका( lemma) और अंतःपुष्पकवच( palea) द्वारा घिरा होता है जो ऐसी संरचनाएं हैं जो बिना भूसी वाले दाने के कैरयोप्सिस को आवृत करने वाली भूसी के आवरण ( hull of husk) या छिलके का निर्माण करती हैं।
2.छिलका ( hull) रोमिल होते हैं। प्रमेयिका पुष्प के अक्ष को आवृत रखती है। इसमें शूक जैसे लंबे या ठिगने प्रवर्ध निकले होते हैं जिसे awn कहते हैं। कुछ चावलों में awn नहीं होते। Palea दूसरा तंत्रिकायुक्त तुष या glume है।
3.बाहरी glume फलहीन और अस्पष्ट होते हैं जो lemma और palea के केवल एक चौथाई होते हैं।
4. फूल के आधार भाग में बाली द्वारा दो लॉडीक्यूल घिरे होते हैं जो दिखने में कांच की तरह पारदर्शी और लूनाग्र होते हैं।
5.पुमंग( androecium) में 6 पुंकेसर( stamens) होते हैं जबकि जायांग यानि gynoecium में एक गर्भकेसर यानि carpe होता है। अंडाशय यानि ovary सुपीरियर होता है जिसमें द्विशाखित पक्षयुक्त वर्तिकाग्र यानिstigma होते हैं।
6.चावल का पुष्प आमतौर पर स्वपरागित(Autogamous) होता है; प्राकृतिक क्रॉसिंग 0-3% के बीच होता है जो कि कल्टिवर और पर्यावरण के ऊपर निर्भर करता है। पुष्प उभयलिंगी यानि bisexual होता है।